कहाँ गए वो दिन कहाँ गए वो दिन
नयी सी लगी है शहर की ये रौनक सब कुछ तो देखा पर इन्सांन जाने कहाँ खो गए भीड़ में आते-जाते वो बादल भी ... नयी सी लगी है शहर की ये रौनक सब कुछ तो देखा पर इन्सांन जाने कहाँ खो गए भीड़ में ...
खड़गपुर के विवेकानंद महाविद्यालय के कॉन्फ्रेंस हॉल में रवि अपनी कविता का पाठ कर रहा था खड़गपुर के विवेकानंद महाविद्यालय के कॉन्फ्रेंस हॉल में रवि अपनी कविता का पाठ कर ...
मैं हमेशा सोचता रहा मेरा भाई कितना अच्छा है पर कल जो देखा मेरी आंखे फटी की फटी रह गई। मैं हमेशा सोचता रहा मेरा भाई कितना अच्छा है पर कल जो देखा मेरी आंखे फटी की फटी र...
बिल्कुल अस्तित्वहीन होने के बावजूद हमारे अस्तित्व की धुरी होती है जब वे होते है। उसके ब बिल्कुल अस्तित्वहीन होने के बावजूद हमारे अस्तित्व की धुरी होती है जब वे होते है।...